विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
परिचय
विज्ञान (Science) और प्रौद्योगिकी (Technology) के क्षेत्र में एक अनूठी पहल सामने आई है—de‑extinction। Finshots की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिकी बायोटेक कंपनी Colossal Biosciences ने लगभग 12,000 साल पहले विलुप्त हुए dire wolf को पुनर्जीवित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है citeturn0view0। यह सिर्फ एक वैज्ञानिक प्रयोग नहीं, बल्कि आर्थिक (Economics) और पारिस्थितिक (Ecological) दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण विषय बन गया है।
इस लेख में हम जानेंगे कि de‑extinction क्यों जरूरी माना जा रहा है, इसके आर्थिक पक्ष क्या हैं, और इससे जुड़ी चुनौतियाँ व अवसर क्या हो सकते हैं।
de‑Extinction: क्या और क्यों?
क्या है de‑extinction?
- Definition: विलुप्त प्रजातियों को फिर से जीवित करने की प्रक्रिया, जिसमें ancient DNA और gene editing tools जैसे CRISPR का उपयोग किया जाता है citeturn0view0।
- Example: Colossal ने grey wolf के DNA में dire wolf के जीन को इम्प्लांट किया और surrogate dogs में embryos विकसित किए।
क्यों कर रहे हैं यह प्रयास?
- बायोडायवर्सिटी संरक्षण: हर साल लगभग 30,000 प्रजातियाँ विलुप्त हो जाती हैं, जिससे प्राकृतिक सेवाओं का $44 ट्रिलियन तक का नुकसान हो सकता है citeturn0view0।
- क्लाइमेट चेंज से मुकाबला: Woolly mammoth को वापस लाने से Arctic में permafrost की रक्षा में मदद मिल सकती है, क्योंकि mammoth बर्फ को दबाकर grasslands को बढ़ावा देंगे।
- वैज्ञानिक शोध: resurrected species से ऐसे genes की पहचान होती है जो कठिन पर्यावरणीय परिस्थितियों में जीवित रहने में मदद करते हैं।
आर्थिक विश्लेषण (Economic Analysis)
निवेश और valuation
- Colossal को venture capitalists ने $10.2 बिलियन पर मूल्यांकित किया है citeturn0view0।
- Business pitch में biodiversity credits, government partnerships और conservation technology sales शामिल हैं।
रख-रखाव लागत
एक शोध (Nature Ecology and Evolution) के अनुसार, resurrected प्रजातियों का वार्षिक रख‑रखाव endangered Asian elephant जितना महँगा हो सकता है citeturn0view0। इसमें शामिल हैं:
- संरक्षण (Conservation) खर्च: भूमि, देखभाल, veterinary services।
- Infrastructure लागत: बड़े पार्क, surveillance systems।
- Operational खर्च: breeding restrictions, 24×7 monitoring।
फंडिंग गैप और जोखिम
- वर्तमान में वैश्विक conservation के लिए $824 बिलियन की जरूरत है, पर 83% फंडिंग की कमी है citeturn0view0।
- अगर de‑extinct species के लिए फंड divert हुआ, तो दो मौजूदा endangered प्रजातियाँ विलुप्त हो सकती हैं।
चुनौतियाँ और नैतिक पहलू
पारिस्थितिक संतुलन
- Ecosystems ने इन जानवरों के बिना evolve किया है; reintroduced species मौजूदा प्रजातियों के साथ competition कर सकते हैं citeturn0view0।
- Woolly mammoth के लिए Arctic में carrying capacity 48,000–72,000 के बीच आंकी गई है, लेकिन व्यवहारिक संख्या कम ही रहेगी।
नैतिक और सामाजिक प्रश्न
- Animal welfare: surrogate mothers और resurrected animals की well‑being कैसे सुनिश्चित होगी?
- Regulatory framework: gene editing और wildlife release के लिए अंतरराष्ट्रीय नियम अभी विकसित हो रहे हैं।
- Public perception: Jurassic Park जैसी फिल्मों ने de‑extinction को मनोरंजन की दृष्टि से दिखाया, वास्तविकता में जोखिम ज्यादा हैं।
निष्कर्ष
de‑extinction एक रोमांचक (Exciting) और चुनौतीपूर्ण (Challenging) क्षेत्र है, जो विज्ञान, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के बीच संतुलन तलाशता है। Colossal Biosciences जैसे उद्यम इस दिशा में अग्रणी हैं, लेकिन:
- Economic viability तब तक संदिग्ध रहेगी जब तक funding gap और operational costs का समाधान नहीं होता।
- Conservation priorities में बदलाव से existing endangered species पर असर पड़ेगा।
- Regulatory और ethical frameworks का विकास आवश्यक है।
यह समझना महत्वपूर्ण है कि de‑extinction एक standalone समाधान नहीं, बल्कि broader conservation strategy का हिस्सा होना चाहिए।
visit home page
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण
विलुप्त प्राणियों का पुनरुद्धार: आर्थिक दृष्टिकोण