Leadership Turbulence at Akasa Air: Pilot Resignations, Fleet Setbacks, and Strategic Shifts
परिचय: भारत का नया एविएशन चैलेंजर संकट में?
अगस्त 2022 में लॉन्च हुई Akasa Air ने भारतीय एविएशन सेक्टर में तूफानी एंट्री की थी। लेकिन आज, यह युवा एयरलाइन गंभीर संकटों से जूझ रही है—पायलटों का बड़े पैमाने पर इस्तीफा, टॉप लीडर्स का एक्सिट, और फ्लीट एक्सपेंशन में देरी। CEO विनय दुबे का दावा था कि भारत “दुनिया का सबसे सस्ता एविएशन मार्केट” है और Akasa 2030 तक “टॉप 30 ग्लोबल एयरलाइन” बनने का लक्ष्य रखती है 1। परंतु हालिया घटनाएँ इस सपने को धुंधला कर रही हैं।
1. एक्सोडस ऑफ टैलेंट: वरिष्ठ लीडर्स का पलायन
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Top-Level Resignations: पिछले 3 महीने में HR हेड, ऑपरेशंस डायरेक्टर, और फ्लाइट सेफ्टी चीफ सहित 5 वरिष्ठ अधिकारियों ने इस्तीफा दिया है। इनमें से दो कंपटीटर्स (IndiGo और Air India) में शामिल हुए हैं।
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सांस्कृतिक असंतोष? सूत्रों के अनुसार, “हायर-टेंशन एनवायरनमेंट” और डिसिजन-मेकिंग में केंद्रीकरण इसकी प्रमुख वजहें हैं 1।
2. पायलट क्राइसिस: 150+ इस्तीफे जो हिला रहे हैं बुनियाद
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मास रेजिग्नेशन्स: 2024 की पहली तिमाही में 150+ पायलटों ने कंपनी छोड़ी, जिससे 10% फ्लाइट्स कैंसल हुईं।
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कॉन्ट्रैक्ट क्लॉज विवाद: पायलट “6-मंथ नॉन-कम्पीटिशन क्लॉज” को अव्यावहारिक बता रहे हैं। एक इस्तीफाकृत पायलट का कहना: “यह क्लॉज हमें बेरोजगारी की ओर धकेलता है”।
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Operational Impact: मुंबई-दोहा जैसी नई इंटरनैशनल रूट्स पर प्लान्स अब अनिश्चितता में 1।
3. फ्लीट चैलेंजेस: 24 विमानों पर अटका विस्तार
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फ्लीट साइज स्टैग्नेशन: Akasa के पास अभी केवल 24 विमान हैं, जबकि लक्ष्य था 2024 तक 35 तक पहुँचने का। बोइंग डिलीवरीज़ में देरी मुख्य अवरोधक है।
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मार्केट शेयर गिरावट: घरेलू मार्केट में हिस्सेदारी घटकर 4.5% रह गई है। CEO विनय दुबे इसे “ग्रोथ पेन्स” बता रहे हैं, लेकिन एनालिस्ट्स चिंतित हैं 1।
4. बाहरी दबाव: बम धमकियों से बढ़ी मुश्किलें
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सुरक्षा संकट: अक्टूबर 2024 में 70+ भारतीय विमानों (Akasa सहित) को बम धमकियाँ मिलीं। प्रत्येक घटना पर ₹3 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ, कुल नुकसान ₹200+ करोड़ 2।
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यात्री विश्वास डगमगाया: BCAS द्वारा “भारतीय आसमान सुरक्षित” का आश्वासन दिए जाने के बावजूद, यात्री ट्रैवल में झिझक बढ़ी है 2।
5. रिकवरी रोडमैप: Akasa कैसे बचाएगी अपना भविष्य?
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लीडरशिप रिस्ट्रक्चरिंग: नए CHRO की नियुक्ति और टीम-मोराले बूस्ट करने के लिए ESOPs का विस्तार।
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पायलट रिटेंशन प्लान:
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ट्रेनिंग बॉन्ड अवधि घटाकर 3 महीने करना।
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वेतन में 20% की बढ़ोतरी का प्रस्ताव।
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सरकार से अपील: DGCA से “फर्जी बम धमकियों” के लिए सख्त कानून (5 साल की जेल + नो-फ्लाई लिस्ट) की माँग 2।
निष्कर्ष: उड़ान भरने की उम्मीदें अभी बाकी
भले ही Akasa Air इस वक्त अशांत हवाओं से गुजर रही हो, पर इसकी नींव मजबूत है। 24 विमानों का युवा फ्लीट, घरेलू मार्केट में 4.5% की पकड़, और CEO विनय दुबे का विश्वास (“भारत में सभी एयरलाइन्स साथ-साथ ग्रो कर सकती हैं” 1) संकट से उबरने की उम्मीद जगाते हैं। आने वाले महीने इस बात के गवाह होंगे कि क्या यह नया चैलेंजर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पंख दे पाता है!