DU का विवादित नोटिस: कॉलेजों को RSS-अनुयायी इवेंट में शामिल होने का निर्देश
परिचय
दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) ने हाल ही में एक ऐसा circular जारी किया है, जिसने शिक्षा जगत और राजनीति दोनों में हलचल मचा दी है। इस नोटिस में विश्वविद्यालय की affiliated colleges को RSS-affiliate संगठन द्वारा आयोजित एक “awareness run” में भाग लेने का निर्देश दिया गया है। इस कदम ने neutrality और academic freedom पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस लेख में हम इस घटना के विभिन्न पहलुओं, प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करेंगे। citeturn1search2
मुख्य भाग
1. नोटिस में क्या लिखा था?
नोटिस में स्पष्ट रूप से colleges को निम्नलिखित निर्देश दिए गए थे:
- Participation in Awareness Run: “The run is aimed at raising awareness for education, healthcare and skill development of underprivileged girls,” लिखा गया था। citeturn1search2
- Funding Source: Participation fees को Student Welfare Fund से cover करने का सुझाव दिया गया।
- Timeline: कार्यक्रम की तारीख और रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि भी नोटिस में उल्लिखित थी।
इस पहल का उद्देश्य सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाना हो सकता है, लेकिन प्रशासनिक neutrality को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
2. राजनीतिक संदर्भ और planning meeting
इस इवेंट की planning meeting में BJP नेता Kuljeet Chahal भी शामिल थे, जो Namo app के national convener और New Delhi Municipal Council के सदस्य भी हैं। citeturn0view0 इससे यह सवाल पैदा होता है कि क्या शैक्षणिक संस्थानों को राजनीतिक संगठनों से जोड़ा जा रहा है?
3. आलोचनाएँ और सवाल
- Academic Neutrality पर सवाल:
शैक्षणिक संस्थानों को किसी राजनीतिक या ideologically-leaning संगठन के इवेंट से जोड़ना neutrality के सिद्धांत के खिलाफ माना जा रहा है। - Student Welfare Fund का दायरा:
क्या इस तरह के खर्चों के लिए Student Welfare Fund का उपयोग करना उचित है? कई छात्र संगठनों ने इस दिशा में स्पष्टता की मांग की है। - Transparency की कमी:
Colleges को निर्देश तो दिए गए, लेकिन इस इवेंट की पूरी जानकारी—जैसे route map, safety measures, liability—जाहिर नहीं की गई।
4. छात्रों और शिक्षकों की प्रतिक्रिया
- Student Unions: कई कॉलेजों के student unions ने protest किया और neutrality बनाए रखने की अपील की।
- Faculty Members: कुछ शिक्षकों ने इस कदम को administrative overreach बताया और autonomy की रक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
- Independent Voices: कुछ civic activists ने कहा कि social awareness initiatives अच्छी बात है, लेकिन उन्हें non-partisan तरीके से आयोजित किया जाना चाहिए।
5. अन्य विश्वविद्यालयों में प्रथा
भारत के अन्य कई विश्वविद्यालयों में भी समय-समय पर NGOs और social organizations के इवेंट होते रहे हैं। परंतु उनमें आमतौर पर किसी single ideology का promotion नहीं किया जाता। इस मामले में DU की uniqueness इसे विवादित बना रही है।
निष्कर्ष
दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा colleges को RSS-affiliate event में भाग लेने के निर्देश ने शिक्षा जगत में neutrality, autonomy और transparency पर महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। जहाँ एक ओर social awareness run जैसी पहल समाज के कमजोर वर्गों के लिए लाभदायक हो सकती है, वहीं दूसरी ओर शैक्षणिक संस्थानों की राजनीतिक स्वतंत्रता को बनाए रखना भी उतना ही जरूरी है।
आगे का रास्ता स्पष्ट रूप से dialogue और consultation से होकर गुजरता है—administration को student bodies, faculty और independent stakeholders के साथ मिलकर ऐसी guidelines बनानी चाहिए, जो non-partisan हों और सभी की सहमति से संचालित हों।
DU का विवादित नोटिस: कॉलेजों को RSS-अनुयायी इवेंट में शामिल होने का निर्देश
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